नवलोक समाचार, होशंगाबाद।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेञ में भोपाल के वन विहार से शिफट की गई बाघिन की चहल कदमी इन दिनो सोहागपुर के आदिवासी गांवों में देखी जा रही है, जिसके चलते बाघिन यहां के सियार खेडा, गोहनादेह, मढकाढाना, बिनेका बिछुआ, जमानी देव के आसपास देखी जा रही है. बाघिन की चहलकदमी से क्षेञ में दहशत का माहौल्ा है लोग दहशत में खेतो में नही जा पा रहे है.
बता दें पिछले दिनो मटकुली के मेहदी खेडा में महिला पर हमला कर शिकार करने वाले टाइगर जय को तो वन विभाग ने रेस्क्यू कर चूरना के घने जंगलो में छोड दिया लेकिन मादा टाइग्रेस इन दिनो जमानी देव के आसपास लाल माटी क्षेञ में बैल का शिकार करने के बाद बार बार देखी जा रही है. वन विभाग द्वारा टाइगर की दहशत के चलते क्षेञ में मुनादी करवा कर लोगो को सावधान रहने सहित रात में खेतो में जाने से भी रोक रहा है, इस के लिए बफर जोन के रेंजन जी एस निगवाल और डिप्टी रेंजन मनोहर लाल शर्मा दल बल के साथ क्षेञ में काम कर रहे है. बता दें कि टाइगर की लोकेशन मिलने के बाद से गश्त भी बढ़ा दी गई है इसके लिए हाथियो की मदद भी ली जा रही है जिससे बाघिन रहवासी क्षेञ में प्रवेश कर नुकसान न पहुंचा सके…….. बाघिन के बारे में बताया जा रहा है कि वन बिहार में पली बाघिन जंगली जानवरो का शिकार नही कर पा रही है, जिसके कारण वह पालतू मवेशियो का शिकार करने उनके करीब आ रही है. वही जंगली जानवरो की आदतो के विपरीत बाघिन टार्च या आग को देखकर उसके नजदीक आने की कोशिश करती है, जबकि जंगली जानवर अपनी प्रवृत्ति के चलते टार्च की रोशनी या आग को देखकर दूर भाग जाते है, विशेषज्ञो का कहना है कि वन बिहार में जन्मी बाघिन जंगल की बजाय आम लोगो के बीच रही है जिसके कारण उसे जंगल के माहौल में ढलने में समय लग रहा है.
ग्रामीणजनो ने वन विभाग के अधिकारियो से मांग की है कि उक्त बाघिन को पकडकर देनवा के पार छोड दिया जाए, जिससे उनके जानमाल की रक्षा हो सके. वही क्षेञ के कांग्रेस प्रत्याशी रहे सतपाल पलिया ने भी कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा है कि राजस्व्ा ग्रामो में बाघिन के विचरण के कारण लोग दहशत है, लोग मजदूरी तक नही कर पा रहे है ओर न ही अपने खेतो में पहुंच पा रहे है. बाघिन को पकडकर घने जंगल में छोडने की मांग की गई है.
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