भोपाल। अगले वित्त वर्ष में बिजली की कीमतें बढ़ने के आसार कम हैं। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) के लिए कोई अतिरिक्त राशि की मांग नहीं की है। वितरण कंपनियों की ओर से पॉवर मैनेजमेंट कंपनी विद्युत नियामक आयोग में एआरआर जमा कराती है। आयोग ने 22 जनवरी तक एआरआर जमा करने को कहा है।
एआरआर के आधार पर ही आयोग टैरिफ तय करता है। बिजली कंपनी के अफसर अनौपचारिक बातचीत में यह स्वीकार कर रहे हैं कि मई में लोकसभा चुनाव और साल के अंत में नगरीय निकाय के चुनाव देखते हुए बिजली दरों में वृद्धि की संभावना नहीं है।
फरवरी तक घोषित नहीं हुआ तो जून के बाद ही घोषित होगा टैरिफ: विद्युत नियामक आयोग मार्च के अंतिम सप्ताह में बिजली टैरिफ जारी करता है। यदि इस बार फरवरी तक टैरिफ घोषित नहीं हुआ तो यह जून के बाद ही घोषित होगा। लोकसभा चुनाव के लिए फरवरी अंत से लेकर मार्च के पहले सप्ताह के बीच कभी भी आचार संहिता लागू होने की संभावना है। 2014 में 5 मार्च को आम चुनाव की घोषणा हुई थी और 16 मई तक चुनाव की प्रक्रिया चली थी। आचार संहिता के दौरान न तो जन सुनवाई हो पाएगी और न टैरिफ घोषित हो सकेगा। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के करीब एक महीने बाद यानी जून में टैरिफ घोषित हो पाएगा।
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