जानलेवा सर्दी / 6 दिन में 75 लोगों को ब्रेन अटैक आया, 10 की मौत

ग्वालियर . शहर में सर्दी अब जानलेवा हो गई है। सुबह 4 से 6 बजे के बीच दिल और दिमाग के लिए खतरा बढ़ गया है। इन दिनों हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। पिछले छह दिन में जेएएच के न्यूरोलॉजी विभाग और मेट्रो न्यूरो हॉस्पिटल में अकेले ब्रेन अटैक के ही 75 मरीज पहुंचे। इनमें से 10 की मौत हो गई।
न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश उदैनियां ने बताया कि जेएएच में आए मरीजों में से ज्यादातर को सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच ब्रेन अटैक आया। वजह- सर्दी के कारण खून का गाढ़ापन बढ़ जाना और कैटीकोलामीन हार्मोन से ब्लडप्रेशर बढ़ना रहा। इन कारणों के चलते लोगों को ब्रेन अटैक आया।

इनमें से कुछ मरीज ऐसे थे जिन्होंने ब्लडप्रेशर की दवा बंद कर दी थी या कभी ब्लडप्रेशर चेक ही नहीं कराया। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संतोष त्रिपाठी का कहना है कि उनके यहां ब्रेन अटैक के जो केस आए, उनमें अधिकांश को सुबह 5 बजे से 9 बजे के बीच अटैक आया। इस दौरान ब्लडप्रेशर अधिक रहता है।

शहर के दो अस्पतालों में ब्रेन अटैक के मरीजों की स्थिति

जेएएच न्यूरोलॉजी विभाग

60 मरीज पहुंचे थे इनमें से 8 की मौत हुई
सामान्य दिनों में यहां एक सप्ताह में 35-40 मरीज आते हैं।
मेट्रो न्यूरो हॉस्पिटल

Test

15 मरीज पहुंचे थे इनमें से 2 की मौत हुई
सामान्य दिनों में यहां एक सप्ताह में 4-5 मरीज आते हैं।
वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं…

दिमाग में धमनी के फटने के कारण ब्रेन अटैक होता है। इससे आसपास के ऊतकों में खून बहने लगता है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं का नाश कर देता है।

इसलिए आता है अटैक: अत्यधिक सर्दी में शरीर में कैटीकोलामीन हार्मोन बढ़ जाता है, जो ब्लडप्रेशर बढ़ने का मुख्य कारण होता है। इसी तरह फिब्रिनोजन नामक पदार्थ शरीर में बनने लगता है, जिसके कारण खून गाढ़ा होने लगता है। इस दौरान जब ब्रेन में खून पहुंचने में रुकावट आती है तो ब्रेन अटैक और खून हार्ट में नहीं पहुंच पाता तो हार्ट अटैक होता है।

ऐसे पहचानें लक्षण : अचानक हाथ-पैर सुन्न पड़ना या काम करना बंद कर देना। आवाज लड़खड़ाना, आवाज बंद हो जाना, यकायक बेहोश हो जाना।

बचने के लिए ये करें : सर्दी मौसम में डायबिटीज, ब्लडप्रेशर के मरीज तथा पूर्व में जिन मरीजों को ब्रेन या हार्ट अटैक आया है, वे विशेष सावधानी बरतें। धूप निकलने के बाद ही घर से निकलें। सर्दी से पूरा बचाव रखें और नियमित दवा लें।

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