भोपाल. मध्यप्रदेश की नवगठित 15वीं विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू हो गया। प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने विधायकों को शपथ दिलाना शुरू किया। इस बीच कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सदन में मौजूद रहे। भाजपा की ओर से विजय शाह ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया। उधर, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायकों के साथ वल्लभ भवन के सामने वंदेमातरम् का गायन किया।
10 जनवरी को पेश होगा अनुपूरक बजट
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पांच बैठक होना प्रस्तावित हैं। अध्यक्ष के चुनाव के बाद कल यानी मंगलवार को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विधायकों के शपथ लेने की प्रक्रिया मंगलवार तक चल सकती है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होगा और फिर राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विधानसभा में 10 जनवरी को 18000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जिस पर उसी दिन चर्चा होगी। 90 विधायक पहली बार सत्र में शामिल होंगे।
बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने किया ऐलान
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे सोमवार को भोपाल पहुंचे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के साथ उनकी बैठक हुई। इसके बाद राकेश सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की घोषणा की। इससे पहले अध्यक्ष उम्मीदवार के लिए रविवार देर रात तक शिवराज के घर पर दिग्गजों का बैठक हुई। लेकिन निर्णय नहीं हो सका। सूत्रों की मानें तो शिवराज खेमा चुनाव लड़ाने के पक्ष में नहीं था।
‘वंदेमातरम् देशभक्ति का पर्याय’
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले शिवराज ने कहा कि भारत माता का गान वंदेमातरम् देशभक्ति का पर्याय है। अब सरकार इसे अलग रूवरूप में शुरू करने की बात कह रही है। वंदेमातरम् का स्वरूप सिर्फ भारत माता की जय होता है, दूसरा कोई स्वरूप नहीं होता।
वंदेमातरम् का गायन नहीं होने पर हुआ था विवाद
भाजपा सरकार के दौरान हर माह की पहली तारीख को हाेने वाला वंदेमातरम् का गायन इस साल 1 जनवरी को नहीं हुआ था। इस पर विवाद बढ़ने पर कमलनाथ सरकार ने एक दिन बाद ही नए स्वरूप में वंदेमातरम् शुरू करने की घोषणा की थी। इसमें सरकार ने जनता की सहभागिता की बात भी कही थी।
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