हरदा. न्यूजीलैंड से मलेशिया तक घर, होटल का निर्माण कराने वाले कांट्रेक्टर सपत्नीक मोक्ष व शांति से साक्षात्कार के लिए हरदा आए हैं। शहर की अजनाल नदी किनारे स्थित प्राचीन गुप्तेश्वर की कुटी में 40 दिन तक योग साधना करेंगे। इस दौरान वे रोज 21 घंटे तक ध्यान की मुद्रा में रहेंगे। इसके पहले उन्होंने योगी शिवोहम से मंदिर की प्राचीन गुफा में दीक्षा ली। इसके बाद पति-पत्नी ध्यान मुद्रा में चले गए।
न्यूजीलैंड के आॅकलैंड के रहने वाले थियो (68) और पत्नी जेन (65) भौतिकवादी जीवन में शांति, मोक्ष पाने और भगवान से साक्षात्कार के लिए हिंदुस्तान की इसके पहले भी एक बार यात्रा कर चुके हैं। तीन साल पहले चेन्नई में अम्मा भगवान के आश्रम में योग सीखा। ऑकलैंड में खुद योग की शिक्षा देते हैं। कांट्रेक्टर के व्यवसाय से जुड़े थियो का कारोबार न्यूजीलैंड से लेकर थाइलैंड तक फैला है। उन्होंने हाल ही में थाईलैंड में समुद्र के अंदर रिसोर्ट का निर्माण कराया है। अरबों के मालिक थियो मन की शांति के लिए 30 नवंबर को हरदा पहुंचे। थियो व जैन ने पिछले साल अमेरिका से आए पेट्रिक जिग्लर की वीडियो कांफ्रेंसिंग देखकर साधना की प्रेरणा ली। पेट्रिक जनवरी में हरदा आए थे। उन्होंने 40 दिन तक साधना की थी।
ईश्वर से साक्षात्कार करने चुना आध्यात्म रास्ता : थियो के आध्यात्मिक गुरु योगी शिवोहम के मुताबिक भगवान से साक्षात्कार के लिए योग व आध्यात्म का रास्ता अपनाया है। उन्होंने बताया थियो व पत्नी जेन 50 दिन के लिए आए हैं। इसमें से 40 दिन गुप्तेश्वर मंदिर की कुटी में साधना कर रहे हैं। निर्गुण पंथ में भगवान शिव से साक्षात्कार के लिए साधना से पहले योगी शिवोहम ने पति-पत्नी को दीक्षा दी।
नर्मदा नदी के किनारे जाना धर्म और अाध्यात्म का महत्व : योगी शिवोहम के मुताबिक थियो व जेन 30 नवंबर को हरदा आ गए थे। इस दौरान नर्मदा किनारे चिचोट कुटी का दोनों ने भ्रमण किया। उन्होंने सनातन धर्म व उसमें अाध्यात्म के महत्व को भी जाना। दोनो पति-पत्नी 17 जनवरी को वापस अपने देश लौटेंगे।
अब पेट्रिक, पत्नी के साथ आएंगे : अमेरिका के पेट्रिक जिग्लर 16 जनवरी को दोबारा आएंगे। इस बार वे पत्नी सिरले मोटाटो के साथ आ रहे हैं। योगी शिवोहम ने बताया कि पेट्रिक जनवरी 2018 में साधना कर चुके हैं। अब वे पत्नी सिरले को लेकर आ रहे हैं।
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