नवलोक समाचार, होशंगाबाद. यहां पिछले 20 सालो से कलेक्टर कार्यालय में स्टेनो के पद पर काम कर रहे सतशी मालवीय को जिला कलेक्टर धनंजय सिह ने शनिवार को उनके मूल विभाग ने लौटने का आदेश जारी कर दिया है. मालवीय को पिछले सालो से लगातार हटाने को लेकर शिकायते की गई थी लेकिन किसी भी कलेक्टर ने उस पर संज्ञान नही लिया थाा, सतीश मालवीय को लेकर जानकारी है कि उनकी नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप मे जिला पंचायत में हुई थी, जिसके बाद उन्हे नियमित कर योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय होशंगाबाद में पदस्थ किया गया था. राजनैतिक रसूख के चलते मालवीय ने स्वयं को कलेक्टर कार्यालय में स्टेनो के पद पर अटैच करवा रखा था. अब शिकायतो पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर धनंजय सिंह ने उन्हे वापिस मूल विभाग भेज दिया है.
बता दें कि सतीश मालवीय की पदस्थापना को लेकर राजनेताओ सहित विभागीय कर्मचारियो ने कलेक्टर से लेकर प्रदेश के मुख्यमंञी और प्रमुख सचिव तक से कई बार शिकायते की थी, लेकिन उन्हे हटा नही पाये थे. नियम विरूध अटैचमेंट करवा कर अंगद कि तरह जमे मालवीय की शासकीय सेवा की शुरूआत जिला पंचायत कार्यालय में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में हुई थी, मालवीय को नियमित करने के बाद जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग में र्क्लक के पद की गई थी, लेकिन राजनैतिक जोड़तोड़ के खिलाड़ी सतीश मालवीय ने अपना अटेचमेंट कलेक्टर कार्यालय में करवा लिया था. लेकिन अब से कुछ समय पूर्व इनकी शिकायतो को देखकर पूर्व कलेक्टरो ने स्टेना पद से हटा दिया था लेकिन कलेक्टरो के जाने के बाद फीर से वापिस आ गये. 20 साल के कार्यकाल में कई कलेक्टर आए लेकिन किसी ने भी इनके पद को लेकर संज्ञान नही लिया. अब सतीश मालवीय कि लगातार शिकायतो के बाद वर्तमान कलेक्टर धनंयज सिंह ने मालवीय को मूल पद पर जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में पदस्थ करवा दिया है. कलेक्टर धनंजय सिंह द्वारा की गई कार्रवाई से अन्य कर्मचारी खुश दिखाई दे रहे है.
वेतन निकलता रहा मूलविभाग से .बता दें कि शासन ने सभी विभागो के कर्मचारियो का अटेंचमेंट पूरी तरह से समाप्त करने के आदेश जारी कर दिये है, पूर्व कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने सभी विभागो को पञ जारी कर कर्मचारियो के अटैचमेंट समाप्त करने को कहा था, लेकिन कलैक्टर कार्यालय में बैठे स्टेनो मालवीय का अटेंचमेंट समाप्त नही हो पाया था. वही 20 सालो से लगातार कलेक्टर टू स्टेनो का काम देख रहे सतीश मालवीय को अपाञ बताया जा रहा है, साथ ही इनका वेतन 20 सालो से लगातार जिला योजना एंव सांख्यिकी विभाग से आहरित किया जा रहा है. अन्य कर्मचारियो का कहना है कि कलेक्टर का स्टेनो होने के लिए शासन द्वारा योग्यता का निर्धारण किया गया है. जो कि मालवीय के पास नही है. न ही उनका पद कलेक्टर टू स्टेनो से सबंधित है.
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