भोपाल/ग्वालियर. उत्तर भारत की तरफ से आ रही बर्फीली हवाओं से राजधानी भोपाल सहित मध्य प्रदेश के अनेक जिले ठिठुर रहे हैं। भोपाल में गुरुवार को सर्दी से थोड़ी राहत मिली। लेकिन, न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री दर्ज किया। यानी इस सीजन की सबसे ठंडी रात। ग्वालियर में भी पारा 4, जबलपुर 6.6 डिग्री पर पहुंच गया। खजुराहो में न्यूनतम तापमान 2.4 दर्ज किया गया। रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील में खेत में ओस की बूंदे जम गईं।
बर्फ से ढंके पहाड़ों से टकराकर आने वाली उत्तरी हवा के कारण लगभग पूरा प्रदेश कड़ाके की सर्दी की चपेट में हैं। ग्वालियर में 11 साल बाद 20 दिसंबर की रात सबसे सर्द रही। गुरुवार को यहां न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले 19 दिसंबर 2007 को न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री दर्ज किया गया। हालात यह हैं कि सबसे कम ठंड पड़ने वाले निमाड़ अंचल के खरगोन और खंडवा में भी रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया।
भोपाल: पिछले 5 दिन से शहरवासी गलनभरी सर्दी से परेशान हैं। गुरुवार को सुबह की सर्दी के बाद तापमान में थोड़ा इजाफा हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक, रात का पारा गिरने के कारण अब कोहरा भी गिरना शुरू होगा। यहां रात का तापमान 6.0 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 5 डिग्री कम रहा।
इंदौर: मालवा-निमाड़ अंचल में पारे का लुढ़कना जारी है। खरगोन में बुधवार को न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री रहा। शाजापुर में दो दिन स्थिर रहने के बाद पारा 5.5 डिग्री रहा। इधर, शाजापुर और आगर में जिले में कई स्थानों पर फसलों पर ओस की बूंदें जम गईं। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि अगर तापमान का गिरना लगातार ऐसा ही जारी रहा तो इसका असर फसलों पर पड़ सकता है।
रायसेन: यहां बीते तीन दिन से न्यूनतम तापमान 5 डिग्री पर टिका हुआ है। जिले में ऐसी स्थिति बीते 48 घंटे से बनी हुई है। इसके चलते चौबीसों घंटे ठिठुरन बनी हुई है। लगातार तापमान कम रहने से जहां सुबह के समय फसलों पर भी ओस जम गई तो वहीं गेहूं की बालियों पर ओस की बूंदें जमी रही। पौधा हिलाने पर भी वे बूंदें नीचे नहीं गिर रही थी। गैरतगंज ठंड की मार से अब क्षेत्रभर के किसानों की फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगे है। किसानों की रबी की फसलें तुअर, मसूर, गेंहू, चना, मटर, तेबड़ा तुषार पाले के चपेट में आने की संभावना बढ़ गई है। खासकर सब्जी उत्पादक किसानों की टमाटर, बैंगन, मिर्च, धनिया, सेम सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों पर ठंड का बुरा असर पड़ा है।
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