कभी भी, किसी भी वक्त और किसी भी कार्यालय में पहुंच सकती हूं, गलती न मिले: प्रियंका दास

होशंगाबाद। मैं ओचक निरीक्षण करने में विश्वास रखती हूं। कभी भी, किसी भी वक्त और किसी भी कार्यालय में ओचक निरीक्षण मेरी कार्य शैली में है। जिले के हर विभाग के अधिकारी कर्मचारी ध्यान रखें। मैं कभी भी पहुंच सकती हूं। गड़बड़ी नहीं मिलनी चाहिए। कार्यवाही भी त्वरित करती हूं। यह कहना है जिले की तेज तर्रार नवागत कलेक्टर प्रियंका दास का। उन्होंने मंगलवार दोपहर 3 बजे कलेक्ट्रेट के रेवा सभा कक्ष में मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी और जिले के विकास के लिए मीडि

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या के सहयोग की बात कही। कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा मीडिया के फीडबेक के आधार पर ही जिले की स्थिति को जाना जा सकता है। समय-समय पर ऐसी बैठक आयोजित होती रहेंगी। उन्होंने कहा अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर सख्ती से नकेल कसी जायेगी। इसके अलावा जो असंगठित श्रमिक पंजीयन से वंचित रहे हैं, उनके पंजीयन की व्यवस्था भी की गई है। पंजीयन के बाद उन्हें योजनाओं लाभ नियमानुसार दिया जायेगा।

कुछ खास विभाग जिन पर मेरा ज्यादा फोकस रहता है
मीडिया से चर्चा के दौरान कलेक्टर ने एक सवाल पर कहा वैसे तो मेरे लिए हर विभाग बराबर है। लेकिन मंै रेवेन्यु अधिकारी हूं। इसलिए सबसे ज्यादा फोकस राजस्व वसूली पर रहता है। इसके बाद स्वास्थ्य, महिला बाल विकास और स्वच्छता पर मेरा विशेष ध्यान रहता है।
कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा मेरी प्राथमिकता रहेगी की हर विभाग की छोटी सी छोटी योजना का लाभ भी नागरिकों को मिले। देखने में आता है कई विभाग लापरवाही करते हैं। लेकिन जब-तक मैं जिले में ऐसा नहीं चलेगा। मेरी नजर हर विभाग पर रहेगी। मैं अपना शेड्यूल तैयार कर रही हूं। किस दिन किस विभाग और किस अधिकारी से मिलना है। सभी विभागों के अधिकारी तैयारी रखें।
कलेक्ट्रेट में बरसों से जमे बाबुओं की होगी जांच
एक सवाल पर कलेक्टर प्रियंका दास ने कहा आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि जिले के कई विभागों में कई बाबू सालों से एक जगह बैठे है। ऐसे बाबुओं की लिस्ट तैयार की जाएगी और उनका स्थानांतरण किया जाएगा। विदित रहे कलेक्ट्रेट के स्टेनो सतीश मालवीय जिनकी मूल पदस्थापना जिला योजना संख्यिकी विभाग में है। वह लगभग 20 सालों से कलेक्टे्रट में स्टेनो बने बैठे हैं। जबकि शासन के नियामानुसार किसी भी विभाग का कर्मचारी का अटैमेन्ट और प्रतिनियुक्ति नहीं हो सकती। इसको लेकर शासन ने आदेश भी जारी किए है कि ऐसे कर्मचारियों उनके मूल विभाग में भेजा जाए। सतीश मालवीय के विरुद्ध कमिश्नर कार्यालय में शिकायत हुई थी। जिस पर कमिश्नर ने श्री मालवीय को हटाने को लेकर आदेश भी जारी किए थे। लेकिन आदेश दबा दिया गया। जिसकी वजह से मामला कलेक्टर अविनाश लवानिया तक नहीं पहुंचा।

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