उधर केंद्र सरकार द्वारा सातंवा वेतनमान लागू किए जाने के बाद से प्रदेश के कर्मचारी भी सातवा वेतनमान चाह रहे है। जिसके चलते राज्य की सरकार भी जल्दी ही इस मामले को लेकर योजना बनाने के मूड में है। जिसके बाद अब प्रदेश के करीब आठ लाख कर्मचारी और अधिकारियों को सातवां वेतनमान मिलने की संभावना बढ़ गई है। यह संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए दिये हैं। वहीं वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी। केन्द्र सरकार द्वारा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर होने के बाद से प्रदेश में भी इसे लागू होने की उम्मीद कर्मचारी और अधिकारियों में है। वित्त विभाग भी इसके लिये गुणा-भाग कर रहा है।
प्रारंभिक हिसाब लगाया गया है कि सातवां वेतनमान दिया गया तो 5 हजार करोड़ से अधिक का अतिरिक्त भार आयेगा। राज्य में इस समय कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन के नाम पर 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई , तो राज्य में कुल वेतन हिस्सा 25 हजार करोड़ से अधिक हो जायेगा। इससे राज्य का कुल बजट पौने दो लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा।
सीएम ने कहा तो देखेंगे
उधर प्रदेश के वित्त मंञी जयंत मलैया ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने अगर सातवां वेतनमान देने की बात कही है तो इसे देखेंगे। केन्द्र से अधिसूचना जारी होने के बाद वित्त विभाग गंभीर है। मुख्यमंत्री से इस संबंध में चर्चा होना स्वाभाविक है। तैयारी हमेशा चलती रहती है। कर्मचारियों के हित में सरकार सकारात्मक कदम उठायेगी।
जयंत मलैया मंत्री