जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहते हैं भाजपा में अब वो नहीं होता

मध्यप्रदेश में एक समय ऐसा था जब शिवराज सिंह चौहान जो चाहते थे पार्टी में वही होता था। जबसे भाजपा मध्यप्रदेश में हारी है तबसे मानो शिवराज की शक्तियां सीमित हो गई हैं। अब शिवराज जो चाहते हैं पार्टी में वो नहीं होता। पूर्व मुख्यमंत्री राज्य की सियासत में ही सक्रिय रहना चाहते थे और यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद शिवराज ने अपने पहले ही बयान में साफ तौर पर ऐलान किया था, ‘मैं केंद्र में नहीं जाऊंगा, मध्यप्रदेश में जिऊंगा और मध्यप्रदेश में ही मरूंगा।’
शिवराज के इस बयान के बाद उनको पार्टी की तरफ से संदेश आया कि वो राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो जाएं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, शिवराज खुद को या अपने किसी चहेते को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मदारी दिलाना चाहते थे, मगर ऐसा नहीं हुआ। कभी शिवराज के खिलाफ सीधी अदावत रखने वाले गोपाल भार्गव को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया।

विधानसभा चुनाव में मिली हार और उसके बाद दिए गए बयानों के बाद शिवराज विधानसभा के पहले सत्र में पूरी तरह सक्रिय दिखे, मगर पार्टी ने इसी बीच उन्हें उपाध्यक्ष बना दिया। इस पर कांग्रेस की ओर से तंज भी कसे गए। राज्य के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ‘राज्य से टाइगर को निष्कासित कर दिल्ली भेज दिया गया।’
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के काय्रकाल के दौरान आठ हजार करोड़ की गड़बड़ियां सामने आई हैं। कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राज्य में 8017 करोड़ की गड़बड़ियां सामने आई हैं। कैग की गुरुवार की देर शाम को जारी हुई रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में घोर वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं।

कांग्रेस के प्रवक्ता सईद जाफर ने सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर जारी विज्ञप्ति में बताया है कि शिवराज सरकार के काल में हुई वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए जाफर ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र में 1224 करोड़ रुपये का नुकसान, छात्रावास संचालन में 147 करोड़ रुपये की अनियमितता, पेंच परियोजना में 376 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है।

वहीं वाटर टैक्स में 6270 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर राज्य में अनियमितता व नुकसान के जरिए 8017 करोड़ की चपत लगी है। कैग की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपये की गड़बड़ियां सामने आने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दोषियों पर कार्रवाई के लिए मंत्रिमंडलीय समिति बनाने की बात कही है।