पचमढी छावनी बोर्ड का चुनाव रदद – सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, मतदाताओं को लेकर था मामला लंबित

सुप्रीम कोर्ट न्‍यायाधीश एल नागेश्‍वर राव और अनिल आर दवे ने सिविल अपील क्रमांक 9728-9729/2016 और 9730-9731/2016 पर सुनाया फैसला , 17 मई 2015 को हूए थे पचमढी केंटोनमेंट बोर्ड के चुनाब

होशंगाबाद/पचमढी।

जिले की पचमढी छावनी बोर्ड के चुनाव को कल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए रदद कर दिया है। जानकारी के अनुसार मामला पचमढी के वोटर लिस्‍ट में हेरफेर कर मतदाताओं से वोट डलवाने का है। जिसके चलते पचमढी के ही गोपालदास काबरा ने हाईकोर्ट में वर्ष 2008 में याचिका दायर कर पचमढी की मतदाता सूची को चुनोती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट मुख्‍य न्‍यायधीश ए एम खानविलकर ने 17 मई 20015 को हुए छावनी वोर्ड के चुनाव को रदद करने हेतु 21 जुलाई 2015 को आदेश किया था। साथ ही मतदाता सूची को भी नए सिरे से बनाने के आदेश भी दिए थे, जानकारी है कि छावनी बोर्ड के चुनावों में अतिक्रमण धारी मतदाताओं से वोट डलवाए गए थे जो कि गैर कानूनी है। हाईकोर्ट के आदेश को लेकर छावनी बोर्ड पचमढी और भारत सरकार ने अपना पक्ष पुनयाचिका की सुनवाई के लिए पक्ष रखा था जिसे न्‍यायाल ने सिरे से खारिज कर दिया था। वही हाईकोर्ट के आदेश को लेकर छावनी बोर्ड और भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश की जिसपर फैसला सुनाते हुए कल मंगलवार को हाईकोर्ट के फैसले को य‍थावत रखते हुए पचमढी छावनी बोर्ड के चुनाव को रदद कर दिया गया है।

करीब 3300 अतिक्रमण कारी मतदाताओं ने किया था मतदान।

सूञों से मिली जानकारी के अनुसार पचमढी छावनी बोर्ड के चुनाव में वहां के ऐसे लोगो को मतदाता बनाया गया था जिन्‍हें अतिक्रमण्‍ा कारी होने के चलते वोट डालने का अधिकार नही है। जिसको लेकर पचमढी के निवासी गोपाल दास काबरा द्वारा वर्ष 2008 से लडाई की जारी रही थी। काबरा के अनुसार मतदाता सूची को सुधार करने के भी न्‍यायाल ने आदेश दिए थे। वर्ष 2008 से लेकर अभी तक उच्‍च न्‍यायायल जबलपुर ने भी कई बार छावनी बोर्ड को निदे्शित किया था।