नवलोक समाचार, भोपाल।
प्रदेश की सरकार ने 12 वर्षो से अधिक समय से एक ही जनपद क्षेञ में काम करने वाले पंचायत सचिवों के तबादला को लेकर नई नीति बनाई है। जिसका अब पंचायत सचिव प्रदेश भर में जमकर विरोध करने की तैयारी में है, जिसके चलते सचिव संगठन ने भोपाल में 16 अग्स्त को मंञालय घेरने की रणनीति बनाई है।
तबादला नीति के अनुसार जिन जनपद पंचायतों में 12 सालों से ज्यादा समय से जो सचिव काम कर रहे है उनके तबादले जिले की अन्य जनपद पंचायतों में किए गए है। शर्त के अनुसार उक्त पंचायत में सचिव की ससुराल और कोई रिस्तेदार भी नही होना चाहिए, जिसके चलते अब सरकारी फरमान के प्रति सचिवों में रोष व्यप्त है। सचिव संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि सचिव हमेशा ही सरकार के प्रति तैयार रहते है, लेकिन प्रदेश की सरकार उन्हे धोखा दे रही है। होशंगाबाद जिले के एक सचिव भगवानदास रघुवंशी ने बताया कि सरकार जिला स्तर पर तबादले करने को तैयार है लेकिन उस स्तर का वेतन नही दे रही है। जिसके बाद भी हमे जिला स्तरीय तबादला सूची में शामिल किया जा रहा है, अब 16 अगस्त को प्रदेश के करीब 23 हजार सचिव बल्लभ भवन का घेराव कर विरोध प्रर्दशन करने की तैयारी में है। सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि सचिवों की स्थानांतरण नीति मुख्यमंञी, पंचायत मंञी एंव केबिनेट के निर्णय के विपरीत जा रही है।
सचिवों को लेकर ये बनाए गए है नियम। सचिव अपने पेञिक गांव और ससुराल में नही होगे पदस्थ पंचायत के सचिव पैतक के अलावा ससुराल वाली पंचायत में पदस्थ नही किए जाएगे। उन्हे वहां भी पदस्थ नही किया जाएगा, जहां उनका कोई रिस्तेदार जनपद पंचायत में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, या सरपंच व पंच होगा। साथ ही उन सचिवों को हटाया जाएगा जो एक ही पंचायत में 12 साल से पदस्थ है। नई तबादला नीति के अनुसार पहली बार प्रभारी मंञियों को टांसफर करने के अधिकार दिए गए है। पहले कलेक्टर ही सचिवों के तबादलों को लेकर फैसला लेते थे।
ये भी है प्रावधान ।
1. अनुसूचित क्षेञों की पंचायत में तीन वर्ष सेवा के बाद ही तबादला।
2. अनुसूचित क्षेञ के गैर अनुसूचित क्ष्ोञ की ग्राम पंचायत में स्थानांतरित सचिव अन्य द्वारा वहां कार्यभार संभालने के पूर्व भार मुक्त नही होगें।
3.शिकायत या प्रशासनिक आधार पर टांसफर कलेक्टर की सिफारिश पर प्रभारी मंञी के अनुमोदन के बाद ही होगा।
4. राज्य सरकार विशेष परिस्थिति में कभी भी तबादले कर सकेगी।