गुटबाजी में शामिल और पूर्व में लंबे अंतर से चुनाव हार चुके और जनता से दूर रहने वालों को पार्टी में टिकिट को लेकर संशय, पार्टी की अंदरूनी जानकारी किसी नए चेहरे की तलाश में है जिम्मेदार पदाधिकारी।
नवलोक समाचार, सोहागपुर।
विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है , ऐसे में सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेसी सक्रिय होने लगे है। लेकिन यहां गुटबाजी कम होती भी नजर नही आ रही है ऐसे में अब पार्टी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है जो सक्षम भी हो और स्थानीय भी हो।
बता दे कि परसीमन के बाद सोहागपुर विधानसभा जब से बनी है तब से क्षेत्रीय लोगो की मांग क्षेत्रीय उम्मीदवार को ही विधायक बनाने की रही है लेकिन 2008 में स्थानीय उम्मीदवार मेहरबान सिंह पटेल को ठाकुर विजयपाल सिह ने शिकस्त दे दी। कांग्रेस ने दूसरी बार फिर रणवीर पटेल को मौका दिया रिजल्ट हार ही मिली। तीसरी बार पिपरिया के सतपाल पलिया को सुरेश पचौरी खेमे से टिकिट मिली रिजल्ट फिर हार ही हुई। तीन बार के विधायक विजयपाल सिंह जो कि मजबूत और क्षेत्र में विकास के नाम से पहचान बना चुके है, कांग्रेस के सामने एक चुनोती से कम नही है। बहरहाल कांग्रेस सोहागपुर विधानसभा सीट पर सिर्फ और सिर्फ गुटबाजी में उलझी हुई है। यहां पुष्पराज पटेल और संतोष मालवीय के
ऐसा माना जा रहा है कि हरगोविंद पुरविया , पुष्पराज पटेल , सविता दिवान शर्मा , सन्तोष मालवीय आदि में से किसी को टिकिट मिलती है तो कांगेस शायद एकजुट होकर चुनाव लड़ सकती , सभी की मांग है कि बाहरी को टिकिट नही मिलना चाहिए ।