मन की निर्मलता ही भक्ति का पहला सोपान :आचार्य सोमेश परसाई जी
नवलोक समाचार, सोहागपुर। ग्राम करनपुर सोहागपुर में अनंत श्री विभूषित पश्चिमाम्नाय द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य एवं पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री सोमेश परसाई जी के आचार्यत्व में आयोजित श्री सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण के छटवे दिन पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री सोमेश परसाई जी ने शिव भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि कलयुग में श्रद्धा के साथ भगवान का नाम ले लेने मात्र से अनंत फल की प्राप्ति होती है ।हट योग से जीवन बन जाता है और जीवन बिगड़ जाता है । इसके पश्चात पूज्य गुरुदेव ने कहा इस पार्थिवेश्वर शिवलिंग निर्माण व अभिषेक का पुराणों में विशेष महत्त्व मिलता है इसे माता पार्वती ,भगवान् राम व पांडवों ने भी मनवांछित फल की प्राप्ति हेतु किया है। गुरुदेव ने कहा कि भगवान् की प्राप्ति हेतु मन की निर्मलता परम आवश्यक है मन की निर्मलता से ही भगवान् प्रसन्न होते हैं इसी निर्मल बुद्धि के कारण भक्त प्रह्लाद और भक्त ध्रुव को बाल्यकाल में ही भगवान् की कृपा प्राप्त हो गई थी । कार्यक्रम का प्रारंभ स्वतिवाचन से हुआ इसके पश्चात आयोजक श्री हर गोविंद पुरविया ने वैदिक विद्वानों द्वारा गणेश अम्बिका पूजन मंडल आदि पूजन किया तथा रुद्र पाठ पाठ हुआ ।इसके पश्चात रुद्री निर्माण प्रारम्भ हुआ।
इसके पश्चात भगवान शिव का संगीतमय रुद्राभिषेक हुआ ।भगवान को नाना प्रकार के रसों से स्नान कराया गया ।दूध दही घी शहद शक्कर आदि से भगवान का अभिषेक हुआ ।भगवान की दिव्य भस्म आरती एवं महाआरती की गई ।