जिला सहकारी बैंक के जीएम ने 3 महीने बाद ली बैठक

बैंक महाप्रबंधक ने पदस्थ होने के तीन माह बाद पहली बार ली अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक , अरबों की ऋण वसूली अधर में लटकी, बैंक पर मंडरा रहा वित्तीय संकट, जिम्मेदार मौन
नवलोक समाचार, नर्मदापुरम।

घपले और घोटालों के लिये बदनाम जिला सहकारी बैंक में भारी अनियमितताओं का बोलबाला है बैंक में न तो वसूली हो रही है और न ही बड़ा लेनदेन इस मामले को लेकर किसानों ने भी अपनी आपत्ति बैंक महाप्रबंधक को जताई है। लेकिन बैंक के महाप्रबंधक के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। आलम यह है कि अपनी पदस्थी के तीन महीन बाद बैंक महाप्रबंधक ने शनिवार को पहली बार कर्मचारियों के साथ बैठक की। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंक की कार्यवाही किस तरह चल रही है।
मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में कलेक्टर एवं प्रशासक के निर्देश पर एक बैठक बैंक में आयोजित की गई। उक्त बैठक में कई ऐजेण्डों पर चर्चा तो हुई, लेकिन मुख्य बिन्दु पर बैंक के महाप्रबंधक का फोकस नहीं रहा। बताया जाता है कि जिला सहकारी बैंक में लगभग अरबों रूपये का ऋण बकाया है, लेकिन बैंक के महाप्रबंधक को इसकी कोई चिंता नहीं हैं उन्होंने उक्त बैठक में आनन-फानन में छोटे-मोटे निर्णयों पर चर्चा की औपचारिकता कर बैठक समाप्त कर दी। बैठक में उपस्थित कर्मचारियों को सीधे तौर पर दो टूक शब्दों में कह दिया गया कि बैंक की वसूली तेज की जाये खास तौर पर नर्मदापुरम के अलावा उमरधा, बनखेड़ी, पिपरिया, सोहागपुर, शोभापुर और बाबई में बकाया वसूली को तेज किया जाये और संबंधितों को नोटिस जारी किया जाये। बैठक में समूचे हरदा जिले में 2 प्रतिशत ही वसूली की गई है, जबकि जिला मुख्यालय के सोहागपुर में भी वसूली नहीं हो सकी है, जिसको लेकर कार्यवाही करने के बजाए दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
बैंक में दो हजार से ज्यादा लेनदेन नहीं: हाल ही में जिला सहकारी बैंक में महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ आरएस भदौरिया जब से आये हैं, यहां पर बैंक की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। बैंक के कैश काउन्टरों पर दो हजार रूपये से ज्यादा का लेनदेन नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण किसान और खातेदार बड़ा लेनदेन नहीं कर पा रहे हैं, ऐसी स्थिति में बैंक की हालत और दिनों-दिन खराब होती जा रही है। कईयों बाद बैंक के काउन्टर पर खातेदार बड़ी रकम निकालने के लिये पहुंचे तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि बैंक की स्थिति अभी ठीक नहीं हैं, इसलिये दो-तीन हजार रूपये से ज्यादा का लेनदेन नहीं किया जायेगा। समय रहते बैंक की स्थिति पर सुधार नहीं किया गया तो बैंक की हालत और खराब होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
कर्मचारियों का एरियर्स और  वेतन में की गई कटौती
बैंक में पदस्थ कर्मचारी और अधिकारियों की वेतन वृद्धि और एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया जिसके कारण जिले के बैंक कर्मी परेशान हैं, इसकी शिकायत उन्होंने महाप्रबंधक को अनेकों बार यूनियन और स्वयं कर्मचारियों ने उपस्थित होकर समस्या का निदान करने की गुहार लगाई, लेकिन महाप्रबंधक ने आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि उनकी वेतन कटौती और एरियर्स का भुगतान नहीं होने के से आर्थिक स्थिति खराब है यदि समय रहते इस पर पुन: विचार नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से भी चर्चा की जायेगी। बताया जाता है कि बैंक के करीब 20 से 25 कर्मचारियों का 15-15 दिन का वेतन रोका गया है, वेतन वृद्धि भी रोकी गई हैं, जिसको लेकर कोई आदेश निर्देश जारी नहीं किया गया।