मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत जिले के 144750 किसानों के खातों में 28 करोड़ से अधिक की राशि की गई अंतरित
नवलोक समाचार, नर्मदापुरम । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत प्रदेश के लगभग 82 लाख किसानों को 1700 करोड़ से अधिक की राशि का सिंगल क्लिक से वितरण किया। जिसमे नर्मदापुरम जिले के 144750 किसानों के खातों में 28 करोड़ से अधिक की राशि अंतरित की गई। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंर्तगत राशि वितरण का जिला स्तरीय कार्यक्रम कृषि उपज मंडी नर्मदापुरम में विधायक नर्मदापुरम डॉ सीतासरन शर्मा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर नर्मदापुरम श्री नीरज कुमार सिंह, अपर कलेक्टर श्री मनोज सिंह ठाकुर , श्री पियूष शर्मा , श्री भूपेंद्र चौकसे , श्री अमीन राइन , श्री सागर शिवहरे, श्री अर्पित मालवीय, श्री नरेंद्र पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि , अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान की उपस्थित में रीवा में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को लाइव प्रसारण के माध्यम से देखा और सुना गया। विधायक नर्मदपुरम डॉ शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। जनप्रतिनिधि हो या प्रशासनिक अधिकारी, रूप जो भी हो चिंतन के केंद्र में केवल जनता का कल्याण ही हैं। बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत 6 हजार और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत के 4 हजार इस प्रकार कुल 10 हजार की राशि प्रतिवर्ष किसानों के खातों में डाली जा रही है। यह राशि हमारे छोटे किसानों के लिए बहुत उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामों के विकास के बारे में सर्वप्रथम पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री अटल बिहारी वाजपई जी ने सोचा। अटल जी द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामों में सड़कों का जाल बिछाया गया। इसे आगे बड़ाकर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना , मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना लागू की। केंद्र एवं प्रदेश सरकार देश व प्रदेश का चुहुमुखी विकास कर रही है। डॉ शर्मा ने कार्यक्रम में लाभन्वित किसानों को बधाई देते हुए वृक्षारोपण एवं प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि समाज जिम्मेदार हैं, जरूरत सिर्फ जागरूकता की है। अपील की कि वृक्ष से वर्षा, वर्षा से अन्न , अन्न से जीवन है। इसलिए प्राकृतिक खेती की ओर बड़े सतही जल का उपयोग करे और भूमिगत जल का संचय करें।