कोविड 19 के चलते सरकार इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही है, पूर्व में सरकार ने कर्ज लिया था , अब फिर 1000 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। तर्क है कि ऐसे में कर्मचारियों को वेतन देने के हालात नही है, आदेश जारी कर कहा गया है कि मंडी और कृषि विपणन बोर्ड आदि में लगे डाटा एंट्री ऑपरेटरों (आउट सोर्स) और कम्प्यूटर ऑपरेटरों को निकालने के आदेश हो गए है, उधर पर्यटन विकास निगम के कुछ कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है।
नवलोक समाचार, भोपाल। मध्य प्रदेश में कृषि विपणन बोर्ड के मुख्यालय, ग्रामीण कार्यालयों, तकनीकी कार्यालयों और कृषि मंडी समितियों में अनुबंधित एजेंसियों से आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त डाटा एंट्री ऑपरेटरों को नौकरी से निकाली जाएगा. इस संबंध में मंडी बोर्ड ने आदेश जारी कर दिया है। इसके पीछे की वजह से कोरोना वायरस की वजह से सरकार के आमदनी में हुई कटौती को बताया जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि मुख्यालय, ग्रामीण कार्यालयों, तकनीकी कार्यालयों और कृषि मंडी में डाटा एंट्री ऑपरेटरों की नियुक्तियां जिस एंजेसी ने की थी। सरकार के साथ उसका अनुबंध 17 अक्टूबर 2020 को सामाप्त हो रहा है, इसलिए 16 अक्टूबर से डाटा एंट्री ऑपरेटरों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगीआपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से सरकार की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. जिसकी वजह से राज्य सरकार अब तक 85 करोड़ रुपए का लोन ले चुकी है। 14 अक्टूबर को सरकार फिर से 1000 करोड़ रुपए का लोन लेगी। वहीं, आमदनी घटने की वजह से सरकार अब तक कई विभागों के कर्मचारियों के सैलरी में कटौती कर चुकी है।
इससे पहले सरकार पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों की सैलरी में भी कटौती कर चुकी है. इसके अलावा सरकार ने इस बार बजट में भी कटौती किया है। शिवराज सरकार के इस फैसले से सेकड़ो युवक बेरोजगार हो जाएंगे , देखना होगा कि एमपी की सरकार निकाले जाने वाले कर्मचारियों को लेकर क्या निर्णय लेती है।