जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक आयोजित, बांद्राभान का मेला नही लगेगा, सूरजकुंड मेले पर प्रतिबंध।
नवलोक समाचार, होशंगाबाद । क्कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में सोमवार 12 अक्टूबर को कलेक्टर श्री धनंजय सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति सदस्यों द्वारा आगामी धार्मिक त्योहारों/ पर्वो पर कोरोना संक्रमण से सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं हेतु सुझाव दिए गए एवं निर्णय लिए गए ।समिति सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी धार्मिक त्योहारों/ पर्वो पर कोरोना संक्रमण से बचाव तथा
सामुदायिक फैलाव की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए आगामी कार्तिक पूर्णिमा अवसर पर बांद्राभान का मेला आयोजित नहीं किया जाएगा । बांद्राभान मेले एवं सूरजकुंड मेले एवं स्नान पर्वों पर सार्वजनिक रूप से स्नान पर प्रतिबंध रहेगा। बैठक में सर्व श्री मनोहर बड़ानी ,गौरव थापक, शरीफ राइन , अनोखेलाल राजोरिया, गोपाल प्रसाद खट्टर, हाफिज अशफाक अली ,हंसराय ,महेंद्र चौकसे ,राजकुमार खंडेलवाल, फैजान उल हक ,गुलाम मुस्तफा, चंद्रगोपाल मलैया, प्रकाश शिवहरे, योगेश तिवारी जिला पंचायत सीईओ मनोज सरियाम ,अपर कलेक्टर श्री जी पी माली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अवधेश प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में आगामी त्योहारों यथा नवरात्रि ,दुर्गा प्रतिमा स्थापना, विसर्जन, दशहरा, ईद रावण दहन आदि के संबंध में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन की विस्तार से जानकारी दी गई। जारी निर्देशानुसार देवी प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। पंडाल का आकार अधिकतम 30 गुना 45 फीट नियत किया गया है ।झांकी निर्माताओं को आवश्यक रूप से सलाह दी गई है कि झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करें ,जिनमें संकुचित जगह के कारण श्रद्धालु , दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना हो।
मूर्ति विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह को अनुमति होगी। इस हेतु आयोजकों को प्रथक से संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी से अनुमति प्राप्त करनी होगी । धार्मिक ,सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। गरबा का आयोजन नहीं हो सकेगा। लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन किया जाना आवश्यक होगा। विसर्जन हेतु चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी।
रावण दहन के पूर्व परंपरागत श्री राम के चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से अनुमति होगी । रामलीला तथा रावण देहन कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी की पूर्व अनुमति से आयोजित किए जा सकेंगे। देवी प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु प्रशासन द्वारा घाटों को चिन्हित कर विकेंद्रीकरण व्यवस्था की जाएगी।