कोरोना के चलते प्रदेश भर में कई स्थानों पर लोगो द्वारा अनावश्यक सार्वजनिक स्थलों पर थूंककर लोगो मे भय पैदा होने के बाद , राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने लिया फैसला।
नवलोक समाचार, भोपाल।
प्रदेश में जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोविड-19 संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए शासन ने राज्य के सभी जिलो के सभी शासकीय, अशासकीय कार्यालय एवं परिसर, संस्थानों एवं सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थ का उपयोग तत्काल प्रभाव से पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। राज्य शासन ने मध्यप्रदेश के सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर एपिडेमिक एक्ट-1897, मप्र एपिडेमिक डीसीजेज कोविड-19 विनियम-2020 तथा मप्र पब्लिक हेल्थ एक्ट के तहत सभी शासकीय, अशासकीय कार्यालय एवं परिसर, स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक संस्थान तथा परिसर, सभी थाना एवं सार्वजनिक स्थान मनोरंजन केन्द्र, पुस्तकालय, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग माल, कॉफी हाउस, न्यायालय परिसर, रेल्वे स्टेशन, सिनेमा हॉल, रेस्टोरेंट, सभागृह, बस स्टॉफ, टी-स्टॉफ, मिष्ठान भण्डार, ढाबा सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों में किसी भी प्रकार के तम्बाकू पदार्थ सिगरेट, बाड़ी, खैनी, गुटखा, पान मसाला सहित अन्य तम्बाकू पदार्थो का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधितों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि तम्बाकू का सेवन जनस्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा है और संचारी रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 268 या 269 के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि ऐसे विधि विरूद्ध अथवा उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना संभव हो तो उस व्यक्ति को 06 माह अवधि तक का कारावास एवं 200 रूपए तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। तम्बाकू सेवन के उपरांत उसे यत्र-तत्र थूकने को निषिद्ध करने के साथ वातावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग मिलेगा। साथ ही कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचाने एवं स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत अभियान में अहम योगदान होने के साथ ही जनस्वास्थ्य की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा।